भगवान पर यकीन बनाए रखना..ऐसा आपके साथ भी हो सकता है
कई घंटों तक बर्फ के नीचे दबे रहने के बाद किसी के भी जीवित रहने की आशा करना व्यर्थ ही है. क्योंकि बर्फ शरीर को पूरी तरह सुन्न कर देती है इसीलिए एक बार बर्फ की चादर तले दबने के बाद जीवित निकलने की संभावना बहुत ही कम रह जाती है. लेकिन मनुष्य की नियति को पहले ही भांप लेना वाकई एक बहुत ही मुश्किल काम है. अमेरिका का एक परिवार ऐसे ही एक कुदरती करिश्मे का एक जीता-जागता उदाहरण है.
डेविड
हिगिंस अपनी पत्नी और पांच वर्षीय बेटी के साथ एक हाई-वे से गुजर रहे थे
तभी वहां बर्फ पड़ने लग गई. उनकी कार पूरी तरह बर्फ में धंस गई. पहले उन्हें
लगा कि बर्फ ज्यादा गहरी नहीं है लेकिन जैसे ही वह आगे बढ़े उनकी गाड़ी चार
फीट तक बर्फ में जा फंसी. अपनी कार में बंद हो जाने के बाद उन्होंने जीने
की उम्मीद ही छोड़ दी थी. उन्हें ना तो बाहर निकलने की जगह मिल रही थी और ना
ही मोबाइल का नेटवर्क. वह ना तो खुद बाहर निकल पा रहे थे और ना ही किसी को
मदद के लिए बुला पा रहे थे.
डेविड का
कहना है कि कार के धंसने के तुरंत बाद उन्होंने किसी को मदद के लिए बुलाने
की कोशिश की थी पर वह सफल नही हो पाए. उन्होंने कार के इंजन को करीब आठ
घंटे तक चलाए रखा ताकि किसी तरह आसपास की बर्फ पिघलाई जा सके लेकिन बर्फ
बहुत ज्यादा होती जा रही थी. सौभाग्यवश उनके पास खाने-पीने का सामान
अच्छा-खासा था इसीलिए उन्हें भूखा नहीं रहना पड़ा. अगली सुबह वाहनों का शोर
सुनकर उन्होंने हॉर्न बजाने की कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हुए.
एलियन की कहानी कोई कल्पना नहीं है
दूसरे
दिन उन्हें मोबाइल का नेटवर्क मिला और उम्होंने अपने भाई को फोन किया.
उनके भाई ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी और हिगिंस परिवार की खोजबीन शुरू
कर दी गई. अंत में एक नेशनल गार्ड का खुदाई उपकरण उनकी कार की छत से
टकराया जिसके बाद उन्हें निकाला जा सका.
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